पिथौरागढ़

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पिथौरागढ़ , देवभूमि उत्तराखंड राज्य का एक नगर है , जो कि उत्तराखंड राज्य के पूर्व में स्थित सिमांतर जनपद है | इस जिले के उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व में अल्मोड़ा, एवं उत्तर-पश्चिम में चमोली ज़िले पड़ते हैं |

पिथौरागढ़ सुन्दर घाटी में स्थित शहर है जोकि नेपाल और तिब्बत के बीच स्थित है।

अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और शांति के कारण यह स्थान पर्यटकों को बहुत ही ज्यादा आकर्षित करता है।

पिथौरागढ़ में मुख्य रूप से अधिकारिक भाषा के तौर पर हिंदी भाषा ही बोली जाती है। परन्तु कई लोग इंग्लिश और कई जनजातियाँ कुमाउनी भाषा का भी प्रयोग करती है।

पिथौरागढ़ में कई ऐंसी जनजातियाँ है जो अन्य कही देखने को नही मिलती है। इन जनजातियों के कारण ही पिथौरागढ़ की संस्कृति आज भी जीवित है।

उत्तराखंड का मिनी कश्मीर कहा जाने वाला पिथौरागढ़ में पर्यटकों के लिए बहुत सारे ऐतिहासिक, दर्शनीय और पौराणिक आकर्षण का समावेश है। पिथौरागढ़ के आसपास घूमने के लिए इतने शानदार स्थान है।

पिथौरागढ़ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक सबसे प्राचीन पिथौरागढ़ का किला है, जिसे सन 1789 में गोरखाओं द्वारा बनबाया गया था। इसलिए इस किले का नाम गोरखा किला भी रखा गया। कुमाऊं की काली नदी पर स्थित पिथौरागढ़ किले की संरचना बहुत ही आकर्षक है जोकि अपने आप में कई ऐतिहासिक महत्त्व को रखता है।

पिथौरागढ़ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से चांडक एक छोटी सी ट्रेकिंग के लिए जानी जाने वाली पहाड़ी है। चांडक पिथौरागढ़ से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिमालय पर्वत के सुन्दर दृश्यों से सजा हुआ है

अस्कोट सैंक्चुअरी , अस्कोट अभ्यारण पिथौरागढ़ से लगभग 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पिथौरागढ़ के इस शानदार परिवेश में चीयर, तीतर, कोकला, भील, हिमालयी काला भालू, चौकोर, हिम तेंदुए और कस्तूरी मृग आदि जानवर देखने को मिलते है।

अगर आपने पिथौरागढ़ की यात्रा की योजना बनाई है तो हम आपको बता दे कि आप पिथौरागढ़ जाने के लिए हवाई मार्ग, रेलवे मार्ग और सड़क मार्ग में से किसी का भी चयन कर सकते है।