कुरुक्षेत्र कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत युद्ध की स्थली है। यह वही भूमि है

कुरुक्षेत्र की तरह ही हरियाणा में कई स्थल हैं, जो वैदिक संस्कृति से जुड़े हैं, इसमें गुरुग्राम का नाम भी शामिल है

ब्रह्म सरोवर ब्रह्मांड निर्माता ब्रह्मा जी से जुड़ा ये सरोवर शहर के बीचोंबीच है। शाम के समय ब्रह्म सरोवर पर आरती होती है।

वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच यह जगह आध्यात्मिक अनुभव कराती है। सरोवर के पास ही एक मिनी कुंभ है, जहां लाखों लोग खास मौकों पर डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं।

कुरुक्षेत्र की 48 कोस भूमि का महत्ता का वर्णन शास्त्रों में है। सरस्वती और द्रिशावती नदियों के आसपास के क्षेत्र को 48 कोस कहा जाता है।

कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध में योद्धा लड़ते-लड़ते जिस भूमि तक पहुंच गए थे, वह 48 कोस की भूमि में शामिल हो गई।

ज्योतिसर यह वही स्थान है, जहां कौरव-पांडव की सेनाएं एक दूसरे के सामने खड़ी थीं और श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था।

देवी के प्रसिद्ध 52 शक्तिपीठों में से एक भद्रकाली मंदिर है। मान्यता है कि यहां माता सती के घुटने से नीचे का भाग यहां कूप में गिरा था

पांडवों ने भगवान कृष्ण के साथ इस मंदिर में पूजा की थी और यहां अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया था